देहरादून – मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत की अध्यक्षता में तेगबहादुर रोड स्थित पीएनबी के आंचलिक प्रशिक्षण केन्द्र में जिला स्तरीय समिति /जिला सलाहकार समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में केन्द्र व राज्य सरकार तथा अन्य ऐजेंसी प्रायोजित शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की वित्तीय प्रगति, उसमें आ रही बाधाओं, सुधारक हेतु किये जाने वाले प्रयासों और शासकीय विभागों तथा बैंकर्स के आपसी समन्वय सेे लाभार्थियों को योजनाओं का अधिकाधिक लाभ देने पर चर्चा की गयी। बैठक में सदन द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (प्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बिमा योजना और अटल बिमा योजना), जिला उद्योग केन्द्र की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, खादी ग्रामोद्योग व बोर्ड की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, अल्पसंख्यक समुदायों के रोजगारपरक स्पेशल कम्पोनेंट प्लान, पर्यटन विभाग की वीरचन्द्र सिंह गढवाली योजना तथा प्रधानमंत्री कृषि बिमा इत्यादित योजना में बैंको द्वारा ऋण प्रगति की दयनीय स्थिति और बैंको के स्तर पर पेन्डिंग प्रकरणों पर चिन्ता व्यक्त की गयी। सदन में चर्चा के दौरान सामने आया कि ऐसे बहुत से कारक है, जिनसे योजनाओं के लाभ लेने में लोगों का रूझान कम हो रहा है, और प्रगति कम हो रही है। इसमें शासकीय योजनाओं की पहल करने वाले विभाग और बैंकों के मध्य कम्यूनिकेशन गैप है और आपसी समन्वय का अभाव है। लोगों के बीच योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी और लाभ लेने की प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी का अभाव है, दूसरा बैंको द्वारा विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करने में लगने वाले समय व कठिनाईयों तथा आवेदनों का बैंकिंग स्तर पर पेंडिंग रहने के चलते लोग योजनाअेां में रूचि नही ले रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत ने बैंकर्स और सम्बन्धित विभागों को आपसी कम्यूनिकेशन गैप को समाप्त करते हुए लोगों को योजनाओं को लेकर जागरूक करने, विभिन्न औपचारिकताओं को आसान बनाते हुए कार्य करने, और योजनाओं की प्रगति बढाने के लिए विशेष रणनीति के तहत् कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिनके पास और जिस स्तर पर आवेदन लम्बित रहते हैं उनकी जवाबदेही तय की जाय और तय समय-सीमा के की अनिवार्यता से सभी प्रकार के आवेदनों का निस्तारण किया जाय। उन्होंने आवेदनों के पेंडिंग रहने तथा अस्वीकृति की दशा में सम्बन्धित लाभार्थी को मैसेज देने का मैकैनिज्म बनाने और आवेदनों की अस्वीकृति की दशा में शीघ्रता से उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, जिससे उस योजना में अन्य लाभार्थी को लाभ देने का समय बचे। उन्होंने उन योजनाओं पर विशेष फोकस करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये, जिसमें योजनाओं की प्रगति निम्न है और लोगों को कैम्प लगाकर जागरूक करने तथा व्यवहारिक अप्रोच अपनाते हुए लाभार्थियों को सुलभ प्रक्रिया द्वारा योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिये। मुख्य विकास अधिकारी ने मनरेगा मजदूरों के आधार सीडिंग पूरे किये खातों को शत्प्रतिशत् ए.बी.पी.एस. भुगतान प्रणाली के अन्तर्गत शीघ्रता से लाने, जिला उद्योग केन्द्र से आॅनलाईन प्राप्त होने वाले बैंको को आवेदनों को सप्ताह में एक बार संज्ञान लेते हुए निस्तारित करने और जिन योजनाओं में प्रगति संतोषजनक है उनमें भी निरन्तरता बनाते हुए काम करने के निर्देश दिये।
इस दौरान आरबीआई के लीड जिला बैंक अधिकारी सिद्धान्त सिंह ने कहा कि जो गांव बैंकिंग सेवा से अभी वंचित हैं वहां तक बैंकिंग सेवा पंहुचाने का काम तेजी से हो और सभी बैंक नकली नोट (फेक मुद्रा) से लोगों को जागरूक करने के लिए कैम्प के माध्यम से जागरूक करें । नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक राजेश इरीकल ने कहा कि नकद जमा अनुपात बहुत से बैंकों का अत्यन्त कम है (30 प्रतिशत् से भी नीचे) इस पर विशेष ध्यान दिया जाय, साथ ही किसानों की आय 2022 तक दुगुना करने के लिए विभिन्न उत्पादन समूहों को कृषि के साथ ही सहायक उद्योग (पशुपालन, डेयरी, बागवानी, मत्स्य, भेड़-बकरी, कारीगरी अनुसूचित जनजाति व महिला सुलभ उद्यम) की ओर फोकस करना होगा साथ ही उत्पादक समूहों के क्षमता निर्णय का प्रशिक्षण तथा सही व समय पर वित्तीय आपूर्ति सुलभ करनी आवश्यक है।
पीएनबी उप महाप्रबन्धक (डीजीएम) के.बी मिश्रा ने अवगत कराया कि विभिन्न योजनाओं के बारें बैंको को क्लीयरिटी नही है, इसके लिए बैंकर्स को शासकीय विभाग सभी मदों वाली योजनाओं का पूर्व विवरण बैंको को सौंपे और उन्होने आवश्वस्त किया कि सभी बैंक अपने नकद जमा अनुपात में मार्च 2019 तक अनिवार्यतः बड़ी प्रगति करते हुए इसको हर-हाल में 50 प्रतिशत् से उपर रखेगें। सदन द्वारा ऋण वसुली की खराब स्थिति पर भी चिन्ता व्यक्त की और सम्बन्धित विभाग के कार्मिकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की गयी। इसी के साथ सदन द्वारा भारतीय स्टेट बैंक त्यूनी शाखा को स्थानान्तरण करने का भी अनुमोदन किया।
इस दौरान लीड बैंक प्रबन्धक देहरादून संजय भाटिया ने अवगत कराया कि वार्षिक ऋण योजना 2018-19 के अन्तर्गत त्रैमास जून 2018 के निर्धारित लक्ष्य रू0 682.15 करोड़ के सापेक्ष प्राप्ति रू0 922.27 करोड़ रही जो लक्ष्य प्राप्ति की 135.3 प्रतिशत् है। इस दौरान एम.एस.एम.ई क्षेत्र में प्रगति 122.06 प्रतिशत्, कृषि क्षेत्र में 112.52 प्रतिशत् तथा अन्य क्षेत्र में 197.50 प्रतिशत् रही। उन्होंने कहा कि साउथ इण्डियन बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई, बन्धन बैंक, इण्डियन ओवरसीज बैंक, कर्नाटक बैंक, बैंक आॅफ महाराष्ट्र, ओबीसी, सैन्ट्रल बैंक आॅफ इण्डिया और यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) 30 प्रतिशत् से कम का रहा, जिनको बढाने की सक्त जरूरत है।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक ओरियन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स श्रीमती अपर्णा सिन्हा, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबन्धक शिखर सक्सेना, जिला पर्यटन अधिकारी के.एस रावत सहित विभिन्न बैंकर्स और सम्बन्धित विभागीय अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।