मन्डलायुक राजीव रौतेला ने आम गरीब आदमी तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुचाने के लिए शुरू किए प्रभावी प्रयास,डीजी हैल्थ के साथ ली गहन समीक्षा बैठक

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नैनीताल (उत्तराखंड)– सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल श्री राजीव रौतेला ने वीडियों काॅंन्फ्रेसिंग के जरिये स्वास्थ्य महकमें द्वारा मण्डल वासियों को उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की गहन समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य महकमें के महानिदेशक डाॅ.टीसी पन्त भी शामिल रहे।
आयुक्त श्री रौतेला ने कहा कि आम गरीब आदमी तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुॅचे, इसके लिए हम सभी के सामूहिक प्रभावी प्रयास होने चाहिए ताकि मण्डल के दूरगामी ईलाकों में रह रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। दुनिया में ईश्वर के बाद यदि किसी को भगवान का दर्जा दिया गया है तो वह चिकित्सक है जोकि अपनी कार्यकुशलता से व्यक्ति को जीवन देता है। इसी वजह से हर कोई चिकित्सक को आशा भरी नजरों से देखता है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वह अपने जिलें में संचालित सभी चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा एवं मोनीटरिंग करें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेशित किया कि वह चिकित्साधिकारियों के साथ प्रतिमाह बैठक कर चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा करें तथा नए चिकित्सकों के साथ दोस्ताना व्यवहार करते हुए उन्हें जन सेवा के लिए प्रेरित करें साथ ही उनकी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान भी अपने स्तर पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था में संसाधनों का अभाव लाज़मी है लेकिन कार्य कुशलता तभी है जब हम उपलब्ध संसाधनों से लोगों को संतोषजनक सेवाएं दे सकें।
श्री रौतेला ने महानिदेशक स्वास्थ्य टीसी पन्त से कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य सेवाएं पहुॅचाने के लिए 108 सेवा तथा 104 सेवा काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुप्रबन्धन के चलते यह महत्वपूर्ण सेवा समय-समय पर बाधित हो जाती है, जिसका खामियाजा दूर दराज के ईलाकों में रह रहे लोगों को उठाना पढ़ता है। उन्होंने श्री पन्त से कहा कि इस महत्वपूर्ण सेवा की निरन्तरता बनी रहे इसके लिए निदेशालय स्तर से विशेष कार्य योजना बनाते हुए कार्यवाही करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य सचिव नितेश झा से भी वार्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े चिकित्सालयों में जो सरकारी एम्बुलेंस हैं, वह भी काफी पुरानी होने के कारण कार्य योग्य नहीं रह गयी हैं, लिहाजा ऐसी एम्बुलेंसों को बदले जाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा कि सरकारी अस्पतालो में एम्बुलेंस क्रय किये जाने के लिए विधायक एवं सांसद निधि से धन आवंटन किये जाने हेतु अनुरोध कर लें।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि 108 सेवा संचालन करने वाली कार्यदायी संस्था को अभी हाल में दो करोड़ बारह लाख की धनराशि निर्गत कर दी गयी है, जिससे वाहनों के अनुरक्षण के साथ ही 108 सेवा के कर्मचारियों का लम्बित भुगतान भी हो सकेगा।
श्री रौतेला ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि आयुष्मान भारत योजना एक जन कल्याण कारी योजना है, जिसका लाभ काफी संख्या में लोगों को मिलेगा। इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए विशेष अभियान चलाकर पात्र लोगों के कार्ड बनाये जाये ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि दिव्यांगजनों कंे साथ उपेक्षित व्यवहार के चलते उनको सही सम्मान व सेवाएं नहीं मिल पाती, यह स्थिति अमानवीय है। उन्होंने जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा कि वह उनके कार्यालय में आने वाले दिव्यांगजनों को सम्मानपूर्वक बिठाए तथा मित्रवत उनकी समस्या सुनकर उनका समाधान करें। इसके साथ ही आयोजित होने वाले सभी बहुद्देशीय शिविरों एवं जन मिलन कार्यक्रमों में दिव्यांगों का परीक्षण कर, उन्हे दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रत्येक सोमवार को चिकित्सालय में चिकित्सकों की टीम उपलब्ध रहे जोकि दिव्यांगों का परीक्षण कर तत्काल दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करें।
समीक्षा के दौरान श्री रौतेला ने पाया कि कुमाऊॅ मण्डल के प्रत्येक जनपद में ट्राॅमा सेन्टर भवन बन चुके हैं, लेकिन उपकरणों एवं स्टाॅफ के अभाव में क्रियाशील नहीं हो पा रहे हैं। इस तथ्य पर जानकारी देते हुए अपर निदेशक स्वास्थ्य अमिता उप्रेती ने बताया कि ट्राॅमा सेन्टरों के लिए उपकरण क्रय कर लिए गये हैं जो जल्द ही जनपदों को उपलब्ध करा दिये जायेंगे। आयुक्त श्री रौतेला ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि हल्दूचैड़ में बनाया गया स्वास्थ्य विभाग का आलीशान प्रशिक्षण भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है, कभी कभार इसमे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते हैं, यहाॅ तक कि इस केन्द्र में तैनात प्रधानाचार्य/ अपर निदेशक डाॅ.अनिल कुमार भी गायब रहते हैं। उन्होंने डीजी हैल्थ से कहा कि वह इस प्रशिक्षण केन्द्र को संक्रिय करे तथा स्वास्थ्य महकमें के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का वार्षिक कैलेण्डर बनाकर कार्यवाही अमल में लाये।
सचिव मुख्यमंत्री श्री रौतेला ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं, जच्चा-बच्चा, आंगनबाडी केन्द्रों के बच्चों कों स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में आशा कार्यकर्ती तथा आंगनबाडी कार्यकर्तियों में कोई खासा सामांजस्य नहीं है। ऐसे में महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य महकमें को संयुक्त रणनीति बनाकर इस प्रकार कार्य करना होगा कि आने वाले तीन माह के भीतर कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न रहे तथा जच्चा व बच्चा को भी नियमित स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
श्री रौतेला ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि खनन निधि में उपलब्ध धनराशि का अधिकांश हिस्सा जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं एवं इन्तजामों पर खर्च करें। कोशिश होनी चाहिए कि इस धनराशि का लाभ गरीब व बेसहारा लोगों को मिलें। उन्होंने कहा कि आम व गरीब आदमी को सस्ती दवाईयाॅ मिले, इसके लिए जन औषधि केन्द्रों की समीक्षा तथा उनमें उपलब्ध दवाईयों की समीक्षा जिलाधिकारी स्तर पर हो तथा सभी सीएमओं अपने जनपद में नए जन औषधि केन्द्र खोले जाने के लिए एक कार्य योजना बनाकर जिलाधिकारी के माध्यम से भिजवाना सुनिश्चित करें। जनपदों में जेनरिक औषधियों का प्रचार-प्रसार होना जरूरी है।
वीसी में जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल काॅलेज डाॅ.सीपी भेसौंडा, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.भारती राणा, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ.तारा आर्या, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, चिकित्सा अधीक्षक सुशीला तिवारी चिकित्सालय डाॅ.अरूण जोशी के अलावा स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी मौजूद थे।

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