कोरोना संक्रमण कम होने के बाद राजधानी में अनलॉक प्रक्रिया चल रही है। ज्यादातर प्रतिष्ठान खुल चुके हैं। राहत की बात यह है कि एक सप्ताह बाद भी कोरोना के मामले नहीं बढ़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से दैनिक संक्रमितों की संख्या 100 से कम ही है। सरकार की सख्ती और कोविड प्रोटोकॉल के पालन से ऐसा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल दिल्ली में कोरोना का नया वैरिएंट नहीं मिला है। एक बड़ी आबादी संक्रमित हो चुकी है। इसलिए वायरस का प्रसार थमा हुआ है। हालांकि, यह जरूरी है कि सभी लोग नियमों का पालन करते रहें, ताकि संभावित तीसरी लहर के खतरे को कम किया जा सके।
राजधानी में एक सप्ताह में संक्रमण के कुल 570 नए मामले आए हैं, जो इस साल सबसे कम हैं। इससे पिछले सप्ताह में 614 संक्रमित मिले थे। उससे पहले 1234 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इस सप्ताह संक्रमण दर भी 0.15 फीसदी से कम ही है, जो पिछले सप्ताह 0.30 थी। मौत के मामले भी कम हो रहे हैं। लिहाजा, अनलॉक होने के बाद भी कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं, जबकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि छूट मिलते ही मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एम्स के डॉक्टर युद्धवीर सिंह बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना के काबू में रहने के चार कारण हैं। पहला यह है कि दूसरी लहर में करीब 80 फीसदी आबादी संक्रमित हो चुकी है। इन सभी लोगों में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन गई। दूसरा यह है कि अभी यहां कोरोना का कोई नया स्ट्रेन सामने नहीं आया है। इससे संक्रमण नहीं फैल रहा है। तीसरा यह है कि लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। चौथा यह है कि सरकार जांच, ट्रैक, आईसोलेट और वैक्सीनेशन की नीति को प्रभावी रूप से लागू कर रही है। सही समय पर लोगों की जांच कर उन्हें आईसोलेट किया जा रहा है और अधिक से अधिक टीकाकरण हो रहा है।