मजारों के मुद्दे पर सियासतः साधु-संतों ने की कांग्रेस विधायक पर मुकदमा दर्ज करने की मांग

उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखंड में एक तरफ अवैध मजारों पर हर रोज बुलडोजर चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब इस मुद्दे पर सियासी माहौल भी गर्म होता दिख रहा है। हरिद्वार से फूटी यह विरोध की चिंगारी अब माहौल खराब करने तथा शांति भंग करने तक आ पहुंची है। हरिद्वार के कुछ साधु संतों ने कांग्रेस के ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अर्जी पुलिस को दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अभी बीते दिनों खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के नेतृत्व में कुछ लोगों ने डीएम और एसएसपी से मिलकर मजार तोड़ने पर आपत्ति जताई थी इसके बाद कुछ कांग्रेसी विधायकों ने भी हरिद्वार डीएम कार्यालय में इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया था। ताजा मामला ज्वालापुर से कांग्रेस विधायक रवि बहादुर द्वारा मजारों को समाधि बताए जाने का है, जिसे लेकर हरिद्वार के संत आगबबूला है और वह इसे अब साधुकृसंतों और हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाला बयान बता रहे हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी का कहना है कि समाधि साधु संतों की होती है। मजारों को समाधि बताया जाना साधु संतों का और अपमान है। उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर विधायक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने व शांति भंग की कोशिश करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
उधर राज्य में अवैध मजारों पर बुलडोजर की कार्यवाही जारी है वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार वन क्षेत्र से अब तक 297 मजारों को हटाया जा चुका है और 78 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है। वन क्षेत्र में 550 के आसपास धार्मिक संरचनाओं को चिन्हित किया गया है जिन्हें हटाए जाने का काम जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर कहा है कि लैंड जिहाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए सभी ढांचों को नष्ट किये जाने तक कार्यवाही जारी रहेगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अभी तक किसी भी मजार को तोड़े जाने पर मानव अंगों के अवशेष नहीं मिले हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह मजारे भूमि कब्जाने और अन्य मकसद से ही बनाई गई है।

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